img Leseprobe Leseprobe

दूसरी औरत

प्रकाश भारती

EPUB
ca. 2,73
Amazon iTunes Thalia.de Weltbild.de Hugendubel Bücher.de ebook.de kobo Osiander Google Books Barnes&Noble bol.com Legimi yourbook.shop Kulturkaufhaus
* Affiliatelinks/Werbelinks
Hinweis: Affiliatelinks/Werbelinks
Links auf reinlesen.de sind sogenannte Affiliate-Links. Wenn du auf so einen Affiliate-Link klickst und über diesen Link einkaufst, bekommt reinlesen.de von dem betreffenden Online-Shop oder Anbieter eine Provision. Für dich verändert sich der Preis nicht.

Aslan eReads img Link Publisher

Belletristik/Erzählende Literatur

Beschreibung

विक्रम खन्ना शैलजा जौहरी को साथ लिए सकुशल सलीमपुर पहुंच गया। जहां तीन अलग-अलग बैंकों की शाखाओं फर्जी नामों से लिए लाकर्स में साथ लाख की रकम थी। लाकर्स की चाबियाँ अहतियातन विक्रम ने अपने कब्जे में ले ली थीं। लेकिन किस बैंक में किस फर्जी नाम से लाकर था। यह सिर्फ शैलजा ही जानती थी। यानि बाजी उसी के हाथ में थी....।
रामनगर में जले हुए मलवे में मिली निशा की जली लाश को पुलिस शैलजा जौहरी की लाश मान चुकी थी।
यानि कानूनन शैलजा जौहरी मर चुकी थी।
असल में शैलजा खुद को दूसरी औरत में तबदील कर रही थी।
बाल ब्लैक से ब्राउन कर लिए। लंबे से छोटे करेक हेअर स्टाइल भी बदल लिया। स्किन लोशन, क्रीम वगैरा लगाकर और धूप सेककर त्वचा की रंगत को डार्क करने में लगी थी। उठाने-बैठने, चलने-फिरने और बोलचाल का अंदाज और लहजा भी बदल डाला। लिबास और बोलचाल से अब वह गोआनी क्रिशिचयन थी। नाम भी चेंज कर लिया - रीटा ब्रिगेजा।
बिल्कुल दूसरी औरत। कोई साबित नहीं कर सकता था कि वह शैलेजा जौहरी थी। अब उसे बैंक लाकर्स से रकम निकालकर कही दूर जाकर गायब हो जाना था....इस दूसरी औरत का मंसूका पूरा होगा या विक्रम खन्ना अपने मकसद में कामयाब होगा....

Weitere Titel von diesem Autor
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती
प्रकाश भारती

Kundenbewertungen

Schlagwörter

hindi books, mystery books, suspense thriller, crime thriller, hindi novels, crime fiction, hindi bestsellers